डॉ. प्रीतम सिंघवी का जन्म उदयपुर, राजस्थान में हुआ। आपने B.A. व N.W.D. कर गुजरात यूनिवर्सिटी से हिंदी साहित्य में M.A. की। तत्पश्चात गुजरात यूनिवर्सिटी से ही PhD की उपाधि प्राप्त की। आपने 1997 में वेनिस में आयोजित ‘Seventh International Conference on Early Literature in new Indo-Aryan Languages’ में पेपर प्रेजेंट किया। आपने शिक्षा गुरु डॉ. हरिवल्लभ भायाणी जी के मार्गदर्शन में अनेक प्राचीन ग्रंथों का संपादन किया। लेखक के रूप में 'प्रभु वीर का अंतिम सन्देश' आदि 35 से अधिक पुस्तकों का लेखन एवं अनेक पुस्तकों का मार्गदर्शन व संपादन कार्य आपके द्वारा किया गया है। वर्तमान में आप 'जैन इतिहास' के लेखन एवं 'धवल कृत हरिवंश पुराण' (अपभ्रंश) के संपादन आदि कार्यों में रत हैं।
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